बावड़ी मंदिर फर्जीवाड़ा प्रकरण में प्रतिष्ठा सेवा समिति ट्रस्ट ने इन पर लगाए गंभीर आरोप, की ये मांग

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सुमित चौधरी की ओर से समस्त क्षेत्रवासियों को दीपावली, धनतेरस, गोवर्धन पूजा और भाईदूज की हार्दिक शुभकामनाएं

प्रधान कोमल देवी की ओर से सभी प्रदेशवासियों को दीपावली, धनतेरस, गोवर्धन पूजा और भैयादूज की हार्दिक शुभकामनाएं

K.J ज्वैलर्स की ओर से सभी क्षेत्रवासियों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं

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श्री बालाजी पेट्रोल पंप की ओर से सभी क्षेत्रवासियों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं

शादी विवाह,पार्टी, जन्मदिन समारोह व किसी भी प्रकार के प्रोग्राम के लिए चौधरी फॉर्म हाउस आपका स्वागत करता है

युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष शिवा रावत की ओर से सभी प्रदेशवासियों को उत्तराखंड स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

यशपाल नेगी व खेमलता नेगी की ओर से सभी प्रदेशवासियों को उत्तराखंड स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष शिवा रावत की ओर से सभी प्रदेशवासियों को उत्तराखंड स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

देहरादूनः बावड़ी मंदिर, विकासनगर में चल रहे फर्जीवाड़े के प्रकरण में प्रतिष्ठा सेवा समिति ट्रस्ट आदि ने गंभीर आरोप लगाए हैं। मंदिर महंत स्वामी जयानंद भारती द्वारा सौंपे गए पूजा-पाठन के अधिकार के अंतर्गत ट्रस्ट के अध्यक्ष गिरीश डालाकोटी, प्रवीण शर्मा, अंशुल शर्मा, विपिन पंवार, चंद्रशेखर, शुभम सकलानी, प्रदीप, डॉक्टर दीपक और रमेश ने आरोप लगाया है कि अवैध और अपंजीकृत समिति, जिसकी अध्यक्षता  रविंद्र चौहान कर रहे हैं,  उन्हें धमकियां दी हैं।

धमकियों में कहा गया है कि यदि प्रतिष्ठा सेवा समिति ट्रस्ट के अध्यक्ष  गिरीश डालाकोटी और  प्रवीण शर्मा बावड़ी प्रकरण से पीछे नहीं हटे, तो उन्हें SC/ST एक्ट में फंसाने, कूटरचित आरोपों में 36 मुकदमे दर्ज कराने और जान से मारने की धमकी दी गई है।

इस प्रकरण में आज प्रतिष्ठा सेवा समिति ट्रस्ट के अध्यक्ष गिरीश डालाकोटी, प्रवीण शर्मा, अंशुल शर्मा और अन्य सनातनी लोग थाना विकासनगर में थाना प्रभारी के समक्ष उपस्थित हुए और थाना परिसर में धरने पर बैठ गए हैं। वे न्याय की मांग कर रहे हैं।

प्रशासन से अनुरोध है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और दोषियों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत किया जाए। अवैध अपंजीकृत समिति के सेवक (सुरेश,विपिन और उसकी पत्नी) को मंदिर परिसर से हटाया जाए, क्युकी फर्जी समिति उन्हें मोहरों की तरह इस्तेमाल करती है।
इसके साथ ही, महंत स्वामी जयानंद भारती जी के निर्देशानुसार मंदिर परिसर में सेवक नियुक्त किए जाएं, ताकि मंदिर की पवित्रता और सुचारू संचालन सुनिश्चित किया जा सके।

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