शादी विवाह,पार्टी, जन्मदिन समारोह व किसी भी प्रकार के प्रोग्राम के लिए चौधरी फॉर्म हाउस आपका स्वागत करता है

अमर रेस्टोरेंट की ओर सभी क्षेत्रवासियों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं

न्यू Era एकेडमी में एडमिशन हेतु जल्दी संपर्क करें

मोहित अग्रवाल की ओर से सभी प्रदेशवासियों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं

आशा नौटियाल की ओर सभी प्रदेशवासियों को होली एवं नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं

यमुना एसोसिएट की ओर से सभी को होली व ईद की हार्दिक शुभकामनाएं

संजय कुमार, पूर्व जिला पंचायत सदस्य की ओर से सभी देश व प्रदेशवासियों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं

पार्षद अभिषेक पंत की ओर से सभी प्रदेशवासियों को होली व नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं

जिला अध्यक्ष मीता सिंह की ओर से सभी प्रदेशवासियों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं

सुमित चौधरी नगर पंचायत अध्यक्ष सेलाकुई की और से सभी नगर एवं प्रदेशवासियों को होली नवरात्रि व बैसाखी की हार्दिक शुभकामनाएं

सामाजिक कार्यकर्ता, सतपाल सिंह बुटोला की ओर के सभी क्षेतवासियों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं

पार्षद, संजय सिंघल की ओर से सभी प्रदेशवासियों को होली एवं बैसाखी की हार्दिक शुभकामनाएं

पार्षद, जाहिद अंसारी की ओर से सभी क्षेत्र वासियों को ईद_उल_ फितर बहुत-बहुत मुबारक

उत्तराखंड में अब बाहरी लोग कृषि कार्य और उद्यान लगाने के लिए जमीन नहीं खरीद पाएंगे। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस संबंध में आदेश जारी किया गया है। सीएम धामी के आदेश के तहत बाहरी लोगों के कृषि एवं उद्यान के उद्देश्य से जमीन खरीदने पर अंतरिम रोक लगा दी गयी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में रविवार देर शाम एक उच्चस्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। सरकार की ओर से जारी इस आदेश के संबंध में कहा गया है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेशहित और जनहित में निर्णय लिया गया है।
सरकार की ओर से कहा गया है कि भू-कानून समिति की आख्या प्रस्तुत किये जाने तक या अग्रिम आदेशों तक जिलाधिकारी राज्य से बाहर के व्यक्तियों को कृषि एवं उद्यान के उद्देश्य से जमीन खरीदने के प्रस्ताव में अनुमति नहीं देंगे। इससे पहले भी मुख्यमंत्री ने प्रदेश में भूमि खरीद से पहले खरीददार की पृष्ठभूमि के सत्यापन के उपरांत ही उसे इसकी अनुमति देने के निर्देश दिए थे। उत्तराखंड में लैंड जिहाद से संबंधित मामलों को लेकर लगातार माहौल गरमाया हुआ है।
उत्तराखंड सरकार का यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब कड़े भू-कानून तथा मूल निवास के मुददे को लेकर प्रदेश भर में लोग आंदोलन कर रहे हैं। राज्य के लोगों की मांग है कि इस संबंध में 1950 को कट आफ तारीख माने जाने चाहिए।