मुस्लिम सेवा संगठन ने पूछा किस कारण मदरसों को किया जा रहा सील, की ये मांग

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देहरादून: उत्तराखण्ड में मदरसों व मस्जिदों को असंवैधानिक तरीके से सील किया जा रहा है। इसके विरोध में मुस्लिम सेवा संगठन द्वारा विभिन्न माध्यमों के द्वारा विरोध प्रर्दशन कर सक्षम अधिकारियों से भेट की गई। अधिकारियों द्वारा मुस्लिम समाज को आश्वासन दिया गया था कि रमज़ान के माह में सीलिंग की कार्यवाही रोक दी जायेगी परन्तु सीलिंग की कार्यवाही की जा रही है। जिससे मुस्लिम समुदाय में रोष है। प्रशासन द्वारा मस्जिद को सील होने का कारण मसूरी देहरादून प्राधिकरण द्वारा नक्शा पास ना होना बताया गया। हम आपके माध्यम से जानना चाहते है कि प्रदेश में कितने धार्मिक स्थल है जिनका नक्शा पास है, यदि नहीं तो इस प्रकार की सलैक्टिव कार्यवाही क्यो इसके अलावा प्रशासन द्वारा यह नहीं बताया गया है कि किस कारण मदरसों को सील किया जा रहा है।

 

मीडिया द्वारा हमें ज्ञात हुआ कि मदरसों को मदरसा बोर्ड द्वारा मान्यता ना होने के कारण सील किया जा रहा है। मुस्लिम सेवा संगठन मीडिया के माध्यम से प्रशासन से यह जानना चाहता है कि राज्य सरकार द्वारा कोई ऐसा आदेश पारित किया गया है जिसमें आदेशित किया गया हो की मदरसों को मदरसा बोर्ड या किसी अन्य शिक्षा परिषद से मान्य होना चाहिये। यदि ऐसा कोई आदेश नही है तो फिर इस प्रकार की कार्यवाही निसन्देह ही एक समाज को दबाने की बर्बरता पूर्वक कार्यवाही की जा रही है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

 

मुस्लिम सेवा संगठन अपने संवैधिानिक अधिकारों का प्रयोग करते हुये इस अन्यायपूर्ण कार्यवाही का विरोध जारी रखेगा। मीडिया बन्धुओ का ध्यान इस ओर भी आकर्षित करना है कि एक चैनल द्वारा उत्तराखण्ड में डैमोग्राफिक चैंज के बारे में खबर चलाई गई जिसमें मुस्लिम समुदाय पर आक्षेप लगाये गये इस बारे में बिन्दुवार स्थिती स्पष्ट करनी है। चैनल द्वारा बताया गया कि उत्तराखण्ड में वर्ष 2011 में मुस्लिम आबादी 14 प्रतिशत थी जो अब बढकर 20 प्रतिशत से अधिक हो गई है। ये बचकाना बात केवल दो समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने की साजिश का हिस्सा है क्योंकि अन्तिम बार सैन्सस यानि जनगणना वर्ष 2011 में हुई थी जो बताती है कि वर्ष 2011 में उत्तराखण्ड में मुस्लिम आबादी लगभग 14 प्रतिशत थी। वर्ष 2011 के बाद जनगणना नही हुई तो इतना सटीक आंकडा की मुस्लिम आबादी 20 प्रतिशत हो गई है कहाँ से आया ? क्या राज्य सरकार द्वारा कोई जनगणना कराई गई। यदि कराई गई तो उसे पब्लिक डोमेन पर क्यों नही रखा गया।

 

मुस्लिम सेवा संगठन का मानना है कि जनसंख्या वृद्धि अवश्य हुई। क्या वर्ष 2011 के बाद बच्चे पैदा नही हुये। यदि प्रजनन होगा तो संख्या बढेगी ही। और जनसंख्या सिर्फ मुसलमानो की ही नही बढी बल्कि सभी समुदायों की जनसंख्या में वृद्धि हुई है। चैनल द्वारा वक्फ सम्पत्तियों में बढोतरी की बात की गई है तो वक्फ सम्पत्तियों में बढ़ोतरी होना स्वाभाविक है क्योंकि मुस्लिम अपनी सम्पत्तियों को वक्फ करते आये है और इसमे कुछ भी गलत नही। चैनल को यह भी बताना चाहिये था कि कितनी वक्फ सम्पत्तियों पर अवैध कब्जे है। मुस्लिम सेवा संगठन इस चैनल द्वारा भ्रामक खबर फैलाने तथा मुस्लिमों के प्रति दुष्प्रचार करने के सम्बन्ध में कानूनी कार्यवाही करने पर विचार कर रहा है।

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