नए ‘हिट एंड रन’ कानून के विरोध में ड्राइवरों ने नेशनल हाईवे पर किया प्रदर्शन, हड़ताल से जनता हुई परेशान

Spread the love

शादी विवाह,पार्टी, जन्मदिन समारोह व किसी भी प्रकार के प्रोग्राम के लिए चौधरी फॉर्म हाउस आपका स्वागत करता है

अमर रेस्टोरेंट की ओर सभी क्षेत्रवासियों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं

न्यू Era एकेडमी में एडमिशन हेतु जल्दी संपर्क करें

मोहित अग्रवाल की ओर से सभी प्रदेशवासियों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं

आशा नौटियाल की ओर सभी प्रदेशवासियों को होली एवं नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं

यमुना एसोसिएट की ओर से सभी को होली व ईद की हार्दिक शुभकामनाएं

संजय कुमार, पूर्व जिला पंचायत सदस्य की ओर से सभी देश व प्रदेशवासियों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं

पार्षद अभिषेक पंत की ओर से सभी प्रदेशवासियों को होली व नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं

जिला अध्यक्ष मीता सिंह की ओर से सभी प्रदेशवासियों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं

सुमित चौधरी नगर पंचायत अध्यक्ष सेलाकुई की और से सभी नगर एवं प्रदेशवासियों को होली नवरात्रि व बैसाखी की हार्दिक शुभकामनाएं

सामाजिक कार्यकर्ता, सतपाल सिंह बुटोला की ओर के सभी क्षेतवासियों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं

पार्षद, संजय सिंघल की ओर से सभी प्रदेशवासियों को होली एवं बैसाखी की हार्दिक शुभकामनाएं

पार्षद, जाहिद अंसारी की ओर से सभी क्षेत्र वासियों को ईद_उल_ फितर बहुत-बहुत मुबारक

नए हिट एंड रन कानून के विरोध में उतरे देशभर के वाहन चालकों ने धरना-प्रदर्शन किया। जिसका उत्तराखंड में भी असर देखने को मिला। ट्रांसपोर्टर की हड़ताल से ज्यादातर निजी बस, टैक्सी, मैक्सी, ट्रेवलर, विक्रम आदि हड़ताल पर हैं। ट्रांसपोर्टर केंद्र सरकार के खिलाफ जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा।

दिल्ली के लिए दो बस, नैनीताल, हल्द्वानी, बरेली, काशीपुर, देहरादून के लिए एक-एक बस भेजी जा सकी। उन्होंने बताया कि दिल्ली की तीन, गुरुग्राम, ऋषिकेश, देहरादून और बरेली के लिए बसों का संचालन बंद रहा। इधर टनकपुर में सभी बसों को रोक दिया गया। टैक्सी चालकों ने भी आधे दिन तक विरोध में टैक्सियों का संचालन नहीं किया। रोडवेज के चालकों ने मंगलवार से संचालन पूरी तरह ठप रखने का निर्णय लिया है।

इस नए कानून के तहत कोई भी दुर्घटना होने पर वाहन चालक के खिलाफ 10 साल की सजा और सात लाख तथा घायल व्यक्ति को उपचार के लिए ले जाने पर भी चालक को पांच वर्ष की सजा व पांच लाख जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इतना ही नहीं दुर्घटना में चालक की लापरवाही या गलती न होने पर भी कानून के तहत उसकी लापरवाही व गलती समझी जाएगी।

कहा कि जिस दिन से भारत सरकार द्वारा संसद में इस कानून को स्वीकृत कराया गया है। उसी दिन से वाहन चालकों में घोर निराशा बनी हुई है। इस काले कानून के कारण ड्राइवरों का जीवन संकट में पड़ जाएगा, क्योंकि किसी भी वाहन दुर्घटना में निर्दोष होते हुए भी उसे दोषसिद्ध कर दिया जाएगा। ऐसे में परिवार में रोजी-रोटी का संकट पैदा हो जाएगा तथा वाहन चालक के परिवार के सामने भूखे मरने की नौबत आ जाएगी।

87 Views

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *