यूसीसी के विरोध में मुस्लिम सेवा संगठन, शहर काजी ने कही बड़ी बात

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देहरादूनः जमा मस्जिद पलटन बाजार में मुस्लिम सेवा संगठन द्वारा यूसीसी के विरोध में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता शहर काजी मोहम्मद अहमद कासमी द्वारा की गई प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए शहर काजी मोहम्मद अहमद कासमी ने कहा यूसीसी केवल धर्म विशेष के विरुद्ध है क्योंकि इसमें मुस्लिम समाज द्वारा दी गई आपत्तियों को दरकिनार किया गया है तथा ना ही मुस्लिम समाज द्वारा दिए गए सुझावों को जगह दी गई है। हम यूसीसी का कड़ा विरोध करते हैं तथा संवैधानिक दायरे में रहते हुए इस काले कानून के विरुद्ध लड़ाई लड़ेंगे।

इस अवसर पर इमाम संगठन के अध्यक्ष मुफ्ती रईस ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा लाए जाने वाला कानून संविधान के विरुद्ध है क्योंकि आर्टिकल 25 के तहत हर धर्म को मानने वाले व्यक्ति को अपने धर्म पर चलने की आजादी है। सर्वप्रथम तो केंद्र सरकार द्वारा संविधान में संशोधन किया जाए उसके बाद यूसीसी लागू किया जा सकता है। वरना दो कानून आपस में टकराएंगे तथा संविधान का आर्टिकल 25 राज्य सरकार मानने को बाध्य है। उन्होंने आगे कहा कि जो कानून समस्त धर्म के लिए है। उसमें समस्त धर्म का प्रतिनिधित्व न होना ही इस कानून को सन्देह पूर्वक बनता है हम इस कानून का विरोध करते हैं।

इस अवसर पर मुस्लिम सेवा संगठन के अध्यक्ष नईम कुरैशी ने कहा की यूसीसी लाना सीधा धर्म विशेष पर प्रहार है मीडिया रिपोर्ट से ज्ञात हुआ है कि यूसीसी प्रावधानों में से चार प्रावधान सीधे मुस्लिम पर्सनल लॉ पर हमला करते हैं जिससे पता चलता है की यूसीसी लाने का मतलब मुस्लिम लॉ को खत्म करना है क्योंकि उत्तराखंड यूसीसी का अध्याय एक प्रदेश एक सिविल कानून पर उच्च में अनुसूचित जाति जनजाति ट्राईबल्स एरिया को छोड़ जाना इस कानून के एक होने पर यथोचित प्रसन्न खड़े करता है।

इस अवसर पर बोलते हुए मुस्लिम सेवा संगठन के उपाध्यक्ष आकिब कुरेशी ने कहा की यूसीसी ड्राफ्टिंग कमिटी में किसी भी धार्मिक धर्मगुरु या धर्म के जानकर को नहीं लिया गया। विशेषकर मुस्लिम धर्म गुरु को सम्मिलित नहीं किया गया क्योंकि ये कानून सब से ज़्यादा मुस्लिम धर्म को प्रभावित करता है। ऐसे में किसी भी मुस्लिम धर्म गुरु को सम्मलित ना करना इस कानून को वैधता पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है। इसके अलावा क्योंकि इसमें जोनसार बाबर के छेत्र और ट्राइबल को अलग कर दिया है इससे इसकी एक प्रदेश एक कानून की सार्थकता पर बड़ा प्रश्न है इस अवसर पर खुर्शीद अहमद हासिम उमर मुहम्मद इरशाद आदि मौजूद रहे

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