अवैध मंदिर समिति के षड्यंत्र में फंसे तीन निर्दोष, एसएसपी देहरादून से लगाई न्याय की गुहार

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देहरादून: विकासनगर क्षेत्र के श्री महादेव गौतमश्रम गंगाभेवा बावड़ी मंदिर प्रकरण में तीन निर्दोष व्यक्तियों—गिरीश चंद्र डालाकोटी, प्रवीण कुमार शर्मा, और विपिन पंवार—को एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत फंसाने का मामला सामने आया है। इन व्यक्तियों ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर पुलिस और प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है। उनका आरोप है कि मंदिर की अवैध एवं अपंजीकृत समिति, जिसकी अध्यक्षता श्री रविंद्र चौहान कर रहे हैं, ने मंदिर प्रांगण में अनाधिकृत रूप से निवासित पपिन कुमार से एक झूठी प्राथमिकी (FIR No: 271/24) दर्ज करवाई है ताकि इन तीनों व्यक्तियों को मानसिक, भावनात्मक, सामाजिक, आर्थिक और पारिवारिक रूप से नुकसान पहुंचाया जा सके।

अवैध अपंजीकृत मंदिर समिति, जिसके प्रमुख श्री रविंद्र चौहान हैं, के खिलाफ लंबे समय से काले कारनामों, मनी लॉन्ड्रिंग और दस्तावेजी फर्जीवाड़े के आरोप लगाए जा रहे हैं। इन भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने के प्रयास के चलते, इन तीनों पर यह झूठा मामला थोप दिया गया है। आरोपियों का दावा है कि उन्हें जान-बूझकर इस स्थिति में फंसाया गया है ताकि वे आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएं, जिससे अपंजीकृत समिति के सदस्य बावड़ी मंदिर में हुए फर्जीवाड़े पर कफ़न डाल सकें और मंदिर की संपत्ति को कब्जे में लेकर भू-माफियाओं के हाथों बेच सकें।

आरोपियों ने देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, श्री पंवार और मामले के जांच अधिकारी श्री भास्कर लाल शाह से पांच प्रमुख बिंदुओं पर जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यदि FIR में लगाए गए आरोपों के लिए ठोस सबूत नहीं मिलता है, तो पपिन कुमार को इस्तेमाल कर रही अपंजीकृत समिति के 12 सदस्यों (श्री रविंद्र चौहान, दीपक नौटियाल, अनुराग ठाकुर, प्रवीण कुमार, नितिन अग्रवाल, विशाल कुमार, नरेश चंद बहुगुणा, यश कश्यप, कुलदीप सिंह नेगी, मनोज कुमार शर्मा, पुरुषोत्तम धीमान, आशीष शर्मा) के खिलाफ धारा 120बी, 182, 201, 427, 34 IPC के तहत क्रॉस एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए।

आरोपियों ने न्याय की मांग करते हुए कहा है कि वे नारको टेस्ट कराने को भी तैयार हैं ताकि सत्य की जांच हो सके। उन्होंने एसएसपी से अपील की है कि मामले की निष्पक्ष जांच कर उन्हें न्याय दिलाया जाए।

इन तीनों ने आगे कहा कि यदि जांच में सच्चाई उजागर नहीं होती है और उनके साथ अन्याय होता है, तो यह कानून के अंतर्गत धारा 167, 120बी, 201 और 306 IPC का उल्लंघन होगा, और इसके लिए जिम्मेदार लोग कानूनी कार्रवाई का सामना करेंगे।

इस प्रेस कांफ्रेंस में प्रतिष्ठा सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष  अचल शर्मा, अध्यक्ष  गिरीश डालाकोटी,  प्रवीण शर्मा, श्री अंशुल शर्मा, श्री भूपेंद्र सिंह डोगरा, श्री विपिन पंवार, डॉक्टर दीपक कुमार, श्री चंद्रशेखर, श्री इशम सिंह, रोहित चौहान, शुभम सकलानी, प्रदीप आदि मौजूद रहे और सभी ने एक स्वर में में उत्तराखंड पुलिस से आग्रह किया कि बिना किसी राजनैतिक दबाव के निष्पक्ष जांच की जाए और सच को आम जनता के सामने लाया जाए। साथ ही, उन्होंने उप जिलाधिकारी, विकासनगर से भी विनम्र निवेदन किया है कि उनके कार्यालय में आई बावड़ी मंदिर प्रबंध समिति के नवीनीकरण की जांच का आधार केवल पत्रांक संख्या: 3918 डी को बनाया जाए, और जांच के दौरान अपंजीकृत समिति द्वारा प्रस्तुत किए गए अन्य कोई भी कूटरचित दस्तावेज़, जो 3918 डी में दर्ज नहीं हैं, को जांच का हिस्सा न बनाया जाए।
उन्होंने यह भी बताया कि बावड़ी मंदिर में निवास करने वाले निरंजनी अखाड़ा के महात्माओं को भी 26 अगस्त 2024 को किसी हिमाचली समाज के व्यक्ति द्वारा मंदिर प्रांगण में धमकाया और आतंकित किया गया। संभवतः इस कृत्य के पीछे भी अपंजीकृत समिति के ही लोग हो सकते हैं। महात्माओं के साथ की गई इस अभद्रता की सूचना विकासनगर कोतवाली के एक अधिकारी को तत्काल फोन पर दी गई थी।

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