सुप्रीम कोर्ट पहुंचा उत्तराखंड की इस ISBT का मामला, कोर्ट ने दिया ये बड़ा आदेश

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मोहित अग्रवाल की ओर से सभी प्रदेशवासियों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं

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पार्षद अभिषेक पंत की ओर से सभी प्रदेशवासियों को होली व नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं

जिला अध्यक्ष मीता सिंह की ओर से सभी प्रदेशवासियों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं

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सामाजिक कार्यकर्ता, सतपाल सिंह बुटोला की ओर के सभी क्षेतवासियों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं

पार्षद, संजय सिंघल की ओर से सभी प्रदेशवासियों को होली एवं बैसाखी की हार्दिक शुभकामनाएं

पार्षद, जाहिद अंसारी की ओर से सभी क्षेत्र वासियों को ईद_उल_ फितर बहुत-बहुत मुबारक

हल्द्वानी के गौलापार में आईएसबीटी निर्माण का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। शीर्ष अदालत ने चयनित स्थल पर यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की युगलपीठ में हल्द्वानी निवासी रवि शंकर जोशी की याचिका पर सुनवाई हुई।

याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि प्रदेश सरकार स्वीकृत आईएसबीटी के नाम पर राजनीति कर रही है। आईएसबीटी बनाने के लिए अन्यत्र जगह तलाश रही है जबकि 2008 में वन विभाग की आठ एकड़ भूमि हल्द्वानी के गौलापार में चयनित की गई थी। इस भूमि को वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति भी मिल चुकी है।

अब सरकार आईएसबीटी का निर्माण गौलापार के बजाय तीनपानी में करा रही है। गौलापार में बस अड्डे के निर्माण के लिए चयनित वन भूमि से 2700 पेड़ों की बलि भी दे दी गई थी। वन भूमि इस शर्त पर दी गई थी कि चयनित भूमि पर बस अड्डे के अलावा अन्य निर्माण नहीं किया जाएगा। इसके बावजूद सरकार ने गौलापार के बजाय अब तीनपानी में इसे बनाने का निर्णय ले लिया। तीनपानी में 110 करोड़ की लागत से सिर्फ सड़क निर्माण का अनुमान है।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि उच्चतम न्यायालय की खंडपीठ ने सभी पक्षकारों से यथास्थिति बनाए रखने को कहा है। साथ ही केन्द्र, राज्य, वन विभाग, आरटीओ, डीएफओ तराई पूर्वी और जिलाधिकारी नैनीताल को नोटिस जारी किया है।

 

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