आरटीआई में खुलासा, जिला मजिस्ट्रेट को उपजिलाधिकारी उपलब्ध नही करा पाए जांच आख्या 

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देहरादून: कालसी तहसील जिसमें अपीलीय अधिकारी/ तहसीलदार 10 – 10 महीनों तक सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत प्रथम अपील नही ले पाते हैं वहीं कालसी तहसील में सितंबर 2023 से अभी तक तैनात रहे उप जिलाधिकारी जो कि क्रमशः युक्ता मिश्रा ,  हरगिरी एवं  योगेश मेहरा तीनों ही उप जिलाधिकारी अपने जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय देहरादून के प्रभारी अधिकारी, संयुक्त कार्यालय न्याय अनुभाग के निर्देश पर लगभग 01 साल तक अपनी जांच आख्या उपलब्ध नही करा पाए।

जिसका खुलासा सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत हुआ सूचना आवेदन प्राप्त होते ही प्रभारी अधिकारी संयुक्त कार्यालय न्याय अनुभाग देहरादून द्वारा हाल ही में तैनात हुई नई उप जिलाधिकारी गौरी प्रभात को जांच आख्या 02 कार्यदिवस उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

अपने निर्देश में यह भी अंकित किया कि ” प्रशंगत प्रकरण पर 01 वर्ष व्यतीत होने के उपरांत भी आपके स्तर से अतिथि तक जांच आख्या उपलब्ध नही कराई गई है, जबकि प्रकरण मानवाधिकार आयोग में विचाराधीन हैं , ऐसी स्थिति में जांच आख्या प्राथमिकता के आधार पर प्रेषित की जानी हैं।”

राजस्व विभाग कालसी में एक साल में लगभग 03 – 04 एसडीएम की तैनाती अपने आप में विभाग एवं जिला मुख्यालय की कार्यशैली को दर्शाती हैं वहीं दूसरी और विकासनगर तहसील में काफी लंबे समय तक एक ही उप जिलाधिकारी का तैनात होना , क्या कालसी क्षेत्र की यह गलती हैं कि वह ग्रामीण क्षेत्र में आता हैं??”, एक ही जनपद में 02 तहसीलों में आखिर इतना भेदभाव क्यों?

 

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