देहरादूनः जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र की प्राप्ति रसीद ना दिए जाने पर शासन सख्त, नोटिस जारी

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देहरादूनः प्रदेश में नगर निगमों व नगर पालिकाओं द्वारा आवेदकों को जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र की प्राप्ति रसीद ना दिए जाने पर शासन सख्त हो गया है। बता दें कि मामले में शहरी विकास निदेशक को शासन द्वारा जारी किया गया कार्यवाही का नोटिस जारी किया है।

आवेदकों को जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र की प्राप्ति रसीद नही दिए जाने को लेकर शासन को की गई थी शिकायत। नगर निगमों व नगर पालिकाओं में आवेदकों को मृत्यु प्रमाण पत्र व जन्म प्रमाण पत्र की प्राप्ति रसीद नहीं दी जाती है । जिस कारण प्रदेश के हजारों आवेदको को होना पड़ता है परेशान, साथ ही कार्यालयो के चक्कर काटने पड़ते हैं।

मामला इस प्रकार है कि राज्य में शहरी विकास विभाग के अधीन नगर निगमों व नगर पालिकाओं में जनता द्वारा जन्म प्रमाण पत्र तथा मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने हेतु आवेदन किया जाता है। परंतु जब आवेदकों द्वारा यहां पर जन्म प्रमाण पत्र तथा मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदन किया जाता है तो नगर निगमों अथवा नगर पालिका कार्यालयो में आवेदक को जन्म प्रमाण पत्र तथा मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन की कोई भी प्राप्ति रसीद नहीं दी जाती है। जो कि बिल्कुल भी न्याय संगत व तर्कसंगत नहीं है। क्योंकि जन्म प्रमाण पत्र व मृत्यु प्रमाण पत्र एक सरकारी सेवा के अंतर्गत आते हैं तथा यह नगर निगम व नगरपालिका द्वारा जारी किए जाते हैं। साथ ही जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत अधिसूचित की गई अति महत्वपूर्ण सेवाओं में से एक है।

उत्तराखंड सेवा का अधिकार आयोग द्वारा जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने की समय सीमा 15 दिन निर्धारित की गई है। अर्थात नियमानुसार आवेदक को जन्म प्रमाण पत्र अथवा मृत्यु प्रमाण पत्र 15 दिन के अंदर जारी करना होगा। इसीलिए आवेदकों को जन्म प्रमाण पत्र व मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन की प्राप्ति रसीद नही दिया जाना नियम विरुद्ध है।

क्योंकि विभिन्न प्रमाण पत्रों जैसे आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, स्थाई निवास प्रमाण पत्र, चरित्र प्रमाण पत्र, उत्तरजीवी प्रमाण पत्र, तथा हैसियत प्रमाण पत्र आदि की रसीद आवेदकों को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाती है। आवेदकों को रसीद मिलने से उनके पास ये प्रूफ होता है कि उनके द्वारा जन्म अथवा मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया गया है।

परंतु नगर निगमों अथवा नगर पालिका कार्यालयों में आवेदकों को जन्म प्रमाण पत्र तथा मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन की कोई भी प्राप्ति रसीद नहीं दी जाती है। जिस कारण भविष्य में पत्राचार व साक्ष्य की दृष्टि से देखा जाए तो आवेदक के पास कोई भी ऐसा साक्ष्य अथवा प्रूफ नहीं रहता है जिससे कि वह यह सिद्ध कर पाए कि उसके द्वारा जन्म प्रमाण पत्र अथवा मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया गया है। साथ ही बिना किसी प्राप्ति रसीद के आवेदक सेवा का अधिकार आयोग में अपील भी नहीं कर सकता है।

इसीलिए आवेदकों को जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन की प्राप्ति रसीद नहीं दिया जाना नियम विरुद्ध है। इसी को लेकर मेरे द्वारा दिनांक 08 जुलाई 2024 को शहरी विकास सचिव, उत्तराखंड शासन के समक्ष शिकायत दर्ज कराई गई थी।
मेरी इसी शिकायत का संज्ञान लेते हुए मामले में उत्तराखंड शासन में अनुसचिव श्री सूरज सिंह बिष्ट द्वारा निदेशक शहरी विकास को उपरोक्त मामले में कार्यवाही करने के लिए नोटिस जारी किया गया है।

अब निदेशक शहरी विकास उत्तराखंड को इस मामले कार्यवाही करनी है और की गई कार्यवाही से शासन को भी अनिवार्य रूप से अवगत कराना होगा। अब चूंकि मामला शासन के संज्ञान में है और मामले में शासन द्वारा कार्यवाही भी शुरु कर दी गई है। जिससे अब आवेदकों को जन्म प्रमाण पत्र व मृत्यू प्रमाण पत्र के आवेदन की प्राप्ति रसीद मिल सकेंगी।

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