उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सख्त, 40 से अधिक होटलों पर लटकी बंदी की तलवार

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देहरादून। उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) मसूरी के होटलों पर सख्त हो गया है। मानकों का उल्लंघन करने वाले होटलों पर बंदी की तलवार लटक रही है। पीसीबी ने नौ होटलों पर ताला जड़ दिया है, जिसके बाद से मसूरी के होटल कारोबारियों में हड़कंप मच गया है।

पीसीबी की ओर से मसूरी के 40 से अधिक होटलों पर भी जल्द कार्रवाई की जा सकती है। एनजीटी के निर्देश पर छह माह पूर्व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मसूरी के कुल 282 होटलों का निरीक्षण किया गया था। जिनमें से 215 के पास होटल संचालन का सहमति प्रमाण पत्र पाया गया। वहीं, 67 होटल मानकों का उल्लंघन करते पाए गए थे, जिनमें से 27 के विरुद्ध कार्रवाई कर दी गई है।

सहमति पत्र प्राप्त न करने वाले शेष 40 होटल पर बंदी की कार्रवाई की जा सकती है। ऐसे तमाम प्रतिष्ठानों पर पीसीबी की नजर बनी हुई है। मसूरी में सैकड़ों की तादाद में छोटे-बड़े होटल व होम स्टे संचालित हो रहे हैं। इनमें से कई होटल खुलेआम पर्यावरण मानकों का उल्लंघन कर रहे हैं।

पर्यावरण मानकों के उल्लंघन पर पीसीबी की चुप्पी के चलते एनजीटी की ओर से लगातार संज्ञान लिया जा रहा है और पीसीबी को कार्रवाई के लिए निर्देश किया जा रहा है। बीते आठ माह के भीतर मसूरी के होटलों पर कार्रवाई को लेकर एनजीटी तीन से चार बाद दिशा-निर्देश जारी कर चुका है। प्राकृतिक जल स्रोतों के अत्यधिक दोहन और खुले में सीवेज का निस्तारण कर कई होटल पर्यावरण को क्षति पहुंचा रहे हैं।

एनजीटी के निर्देश पर पीसीबी की ओर से बीच-बीच में नोटिस भेजने की कार्रवाई तो की गई, लेकिन यह महज खानापूर्ति साबित हुई। इस पर पीसीबी को फटकार लगाते हुए एनजीटी ने कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जिसके क्रम में पीसीबी ने मसूरी के 27 होटलों को नोटिस जारी कर संचालन बंद करने के निर्देश दिए। साथ ही ऊर्जा निगम को भी उक्त होटलों की बिजली काटने को कहा है।

बीते अगस्त में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देश पर मसूरी के 56 होटलों को पीसीबी की ओर से नोटिस भेजे गए थे। जिसमें इन होटलों को बंदी व जुर्माने की चेतावनी दी गई थी। इनमें छह होटलों को अत्यधिक पानी का दोहन करने और 40 को संचालन सहमति पत्र न लेने के लिए नोटिस दिया गया था। इनमें से कुछ ने मानकों को पूर्ण कर लिया था।

पीसीबी की रिपोर्ट में कहा गया था कि इनमें से 39 होटलों में जल संस्थान से पर्याप्त आपूर्ति और वर्षा जल संचयन सुविधाएं पाई गईं, जबकि एक होटल स्थायी रूप से बंद कर दिया गया था। इसके अतिरिक्त, 106 होटलों को पीसीबी से सहमति के बिना संचालन के लिए भी नोटिस थमाया गया।

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