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अमर रेस्टोरेंट की ओर सभी क्षेत्रवासियों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं

न्यू Era एकेडमी में एडमिशन हेतु जल्दी संपर्क करें

मोहित अग्रवाल की ओर से सभी प्रदेशवासियों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं

आशा नौटियाल की ओर सभी प्रदेशवासियों को होली एवं नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं

यमुना एसोसिएट की ओर से सभी को होली व ईद की हार्दिक शुभकामनाएं

संजय कुमार, पूर्व जिला पंचायत सदस्य की ओर से सभी देश व प्रदेशवासियों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं

पार्षद अभिषेक पंत की ओर से सभी प्रदेशवासियों को होली व नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं

जिला अध्यक्ष मीता सिंह की ओर से सभी प्रदेशवासियों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं

सुमित चौधरी नगर पंचायत अध्यक्ष सेलाकुई की और से सभी नगर एवं प्रदेशवासियों को होली नवरात्रि व बैसाखी की हार्दिक शुभकामनाएं

सामाजिक कार्यकर्ता, सतपाल सिंह बुटोला की ओर के सभी क्षेतवासियों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं

पार्षद, संजय सिंघल की ओर से सभी प्रदेशवासियों को होली एवं बैसाखी की हार्दिक शुभकामनाएं

पार्षद, जाहिद अंसारी की ओर से सभी क्षेत्र वासियों को ईद_उल_ फितर बहुत-बहुत मुबारक

लखनऊः सुप्रीम कोर्ट के बाद अब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में बुलडोजर एक्शन पर सवाल उठाया है. जस्टिस प्रकाश पड़िया की सिंगल बेंच ने इस मामले में सुनवाई करते हुए सवाल उठाया है. उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के एक मामले में सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई और उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा कि ऐसी कौन सी परिस्थिति थी, जिसके चलते कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना याचिकाकर्ता के घर को गिरा दिया गया.
कोर्ट ने इस मामले में यूपी सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है. अब हाई कोर्ट 18 सितंबर को इस मामले में फिर से सुनवाई करेगा. आजमगढ़ के सुनील कुमार ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जमीन विवाद के केस में आजमगढ़ के एडिशनल कलेक्टर ने बिना सुनील का पक्ष सुने, 22 जुलाई को उनका घर गिराने का आदेश जारी कर दिया. इसके बाद प्रशासन ने उनके घर को बुलडोजर से गिरा दिया था. सुनील का आरोप है कि बिना सुनवाई का मौका दिए जल्दबाजी में उनके मकान पर बुलडोजर चला दिया गया.
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
कुछ दिन पहले एक मामले की सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि यदि कोई अपराधी भी सिद्ध हो जाता है, तब भी उसका घर नहीं गिराया जा सकता है. यह टिप्पणी जस्टिस हृषिकेश राय, सुधांशु धूलिया और एसवीएन भट्टी की पीठ ने गुजरात के एक मामले में की थी.दो सितंबर को भी कोर्ट ने जमीयत उलमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनवाई के दौरान ऐसी टिप्पणी की थी, उस याचिका में देश के विभिन्न हिस्सों में आरोपितों के घरों पर बिना कानून प्रक्रिया का पालन किए बुलडोजर चलाने की शिकायतें की गई हैं. जिस पर जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा था कि वह इस संबंध में पूरे देश के लिए दिशा-निर्देश तय करेंगे.