भैरव सेना संगठन से जुड़े दर्जनों कार्यकर्ता ने डीएम को दिया ज्ञापन, की ये मांग

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देहरादून: आज भैरव सेना संगठन से जुड़े दर्जनों कार्यकर्ता जिलाध्यक्ष अमरजीत सिंह के नेतृत्व मे ज़ोरदार नारेबाजी के साथ प्रदर्शन करते हुए कचहरी स्थित जिलाधिकारी कार्यालय पहूंचे, जहां जिलाधिकारी देहरादून के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सीमांत गांव माणा स्थित पौराणिक सरस्वती मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित मृतक मानव मूर्ति प्रकरण तथा आगामी चारधाम यात्रा के दौरान 12 वर्ष पश्चात पड़ने वाले पुष्कर कुंभ के विषयगत ज्ञापन प्रेषित किया।

भैरव सेना के केंद्रीय अध्यक्ष संदीप खत्री के कथनानुसार श्री बद्रीनाथ धाम धरती पर वैकुण्ठ मोक्षधाम के रूप में विश्व विख्यात है और विश्व भर के हिन्दू श्रद्धालुगण अपने मृतक पितरों की आत्मशांति एवम मोक्ष प्राप्ति के यहां पिंडदान तथा तर्पण के लिए पूर्ण आस्था के साथ पहुंचते हैं। परन्तु महाराष्ट्र पूणे के धन्नासेठ विश्वनाथ कराड ने उंचे राजनैतिक रसूख और धन बल की ताकत से हिन्दू धर्म के वेद, पुराण, शास्त्र और सनातनी मान बिन्दुओं को चुनौती देकर अंहकारवश कुछ मृतक मानवों की मूर्तियां माँ सरस्वती मंदिर के गर्भगृह में शिक्षा की अराध्य देवी सरस्वति के साथ स्थापित करवा दी। जिसमें की एक विश्वनाथ कराड की बहन भी है। हिन्दू धर्मानुसार अराध्य देवी-देवताओं के साथ कभी भी मृतकों की मूर्ति स्थापित नहीं की जाती। यहां तक कि आदिगुरू शंकराचार्य और वेदव्यास की मूर्तियां भी स्थापित नहीं है। फिर किस दबाव में मृतक मानव मूर्तियां शिक्षा के धाम में स्थापित की गई।

संगठन की प्रदेश अध्यक्ष काजल चौहान ने अवगत कराया कि संगठन कोरोना काल के दौरान हुये इस कुकृत्य को लेकर आक्रोशित है और 4 वर्षों से विभिन्न प्रकार से धरना-प्रदर्शन तथा आन्दोलन कर रहा है जिसके चलते 15 सितम्बर 2024 को माणा कूच के दौरान पुलिस द्वारा बलपूर्वक भैरव सेना के कार्यकर्ताओं को जनपद चमोली के गौचर में रोका गया तथा जिला प्रशासन के प्रतिनिधियों द्वारा झूठा आश्वासन देकर आन्दोलनरत कार्यकर्ताओं को शांत किया गया और आज तक अपेक्षाकृत कार्यवाही नहीं हुई।

गढ़वाल संभाग अध्यक्ष गणेश जोशी ने कहा कि 4 वर्षों से आन्दोलनरत रहने के बाद भी न्यायसंगत मांग पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। आज तक प्रकरण सिर्फ जनपद चमोली अब प्रदेश स्तरीय तथा पुष्कर कुंभ पश्चात राष्ट्रीय स्तरीय हो जायेगा। जोकि देवभूमि के विश्व-प्रसिद्ध तीर्थधाम के गौरवान्वित छवि को धूमिल कर सकता है।

गढ़वाल संभाग संयोजक अन्नू राजपूत ने कहा कि संगठन अब न्यायोचित मांग के श्री बद्रीनाथ धाम में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का रास्ता अपनायेगा। ज्ञापन प्रेषण में उपस्थित उपरोक्त पदाधिकारीयों सहित सरोज शाह, अमन, बलवीर शाह, अजित बिष्ट, राजकुमार इत्यादि रहे।

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