डिप्लोमा इंजीनियर्स ने पेयजल निगम के इस प्रस्ताव का किया विरोध, रखी ये बात

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देहरादूनः बोर्ड बैठक में पेयजल निगम द्वारा अभियंता सेवा नियमावली 2011 में कनिष्ठ अभियंता/अपर सहायक अभियंता से सहायक अभियंता के पद पर 8.33% AMIE कोटे में प्रमोशन हेतु नियुक्ति के 10 वर्ष के भीतर AMIE/ डिग्री करने के नियम को विलुपित करने का प्रस्ताव रखा गया, जिसका बोर्ड बैठक में अनुमोदन कर दिया गया। जिसके विरूद्ध डिप्लोमा इंजीनियर्स ने अपनी असहमति / प्रत्यावेदन प्रस्तुत किया है। आइए जानते है कि डिप्लोमा इंजीनियर्स ने क्या मांग की है।

1. केंद्र सरकार द्वारा नियुक्ति के 5 वर्ष पश्चात उच्च शिक्षा हेतु अनुमति देने का प्राविधान है. जिसका अनुसरण निगम द्वारा नहीं किया गया।

2. AMIE कोटे में पात्र अभियंता ना होने की दशा में उक्त पद डिप्लोमा इंजीनियर्स से भरे जाने का प्राविधान है। जिस कारण निगम द्वारा उक्त प्रस्ताव को रखने से पूर्व प्रभावित डिप्लोमा इंजीनियर्स से चर्चा/विचार विमर्श किया जाना चाहिए था, जो नहीं किया गया।

3. चूंकि देहरादून/हरिद्वार में ही प्राइवेट डिग्री कॉलेज है जिस कारण देहरादून हरिद्वार में कार्यरत अभियंता ही इसका लाभ ले सकेंगे। जो दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्र में कार्य कर रहे अभियंताओं के साथ अन्याय के समान है।

4. AMIE कोटे में सिर्फ AMIE किए अभियंता को ही इसका लाभ दिया जाए ना की किसी भी संस्था से डिग्री किए अभियंता को। ताकि दूरस्थ पहाडी क्षेत्र में कार्यरत डिप्लोमा इंजीनियर्स को भी समान अवसर प्राप्त हो सके।

5. वर्तमान में 2005 एवं 2007 में नियुक्त डिप्लोमा इंजिनियर्स का अभी तक प्रमोशन नहीं हुआ है। ऐसे में AMIE कोटे में 10 वर्ष की सीमा विलुप्त करने से 2005 एवं 2007 में नियुक्त अभियंताओं के साथ अन्याय होना स्वाभाविक है।

6. देहरादून में कार्यरत कई अभियंता बिना स्टडी लीव लिए ही सेवा में कार्यरत रहते हुए विभिन्न संस्थाओं से रेगुलर (पूर्णकालीन) डिग्री ले रहे है। जो नियम विरुद्ध है एवं माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के Ikramul haq VS District inspector of school and others में दिनांक 11 नवम्बर 1997 को पारित निर्णय के विरूद्ध है। इस संबंध में दिनांक 05 जून 2024 को निगम को प्रत्यावेदन प्रेषण किए गए थे. जिस पर निगम द्वारा कार्यवाही अपेक्षित है।

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