दरगाह कमाल शाह की मजार पर हुई कार्यवाही को मुस्लिम समुदाय ने बताया अवैध, DM को ज्ञापन सौंप दिया ये बयान

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देहरादूनः राजधानी के सबसे बड़े अस्पताल दून मेडिकल कॉलेज अस्तपाल के परिसर में स्थित दरगाह कमाल शाह की मजार पर जहां आधी रात को प्रशासन का पीला पंजा गरजा। रातों रात मजार को अवैध करार देते हुए ढहा दिया गया वहीं दून अस्पताल में बनी मजार को ध्वस्त करने को लेकर प्रशासन पर गंभीर आरोप लगे है। साथ ही विरोध शुरू हो गया है। प्रशासन द्वारा की गई कार्यवाही को मुस्लिम समुदाय ने अवैध बताते हुए डीएम को ज्ञापन सौंप मजार को पुनः स्थानांतरित करने का आग्रह किया गया है। साथ ही मामले में कार्यवाही ना होने पर हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक जाने की बात कहीं गई है।
मिली जानकारी के अनुसार सीएम हेल्प लाइन पोर्टल पर ऋषिकेश निवासी पंकज गुप्ता की ओर से शिकायत दर्ज किए जाने के बाद डीएम देहरादून द्वारा इस विषय पर जांच पड़ताल करने को कहा गया था। इतना ही नहीं ,पूर्व में भी अस्पताल प्रशासन ने भी उपचार के दौरान आ रहे व्यवधान पर शासन को पत्र लिख कर इसे यहां से हटाने की मांग की थी। जिसके बाद प्रशासन की टीम ने देर रात अस्पताल मार्ग को सील कर पुलिस फोर्स तैनात कर मजार को अवैध बताते हुए ढहा दिया गया। वहीं मुस्लिम समाज ने इस कार्यवाही का विरोध करते हुए डीएम को ज्ञापन सौंपा है और मामले में कार्यवाही की मांग की है। मुस्लिम समाज ने मजार को ध्वस्त करने की कार्यवाही को अवैध बताया है। समुदाय का कहना है कि ज्ञापन में कहा गया कि “दरगाह कमाल शाह वक्फ नंबर 55 में रजिस्टर्ड हैं। इतना ही नहीं मजार की प्रबंधन समिति को उत्तराखंड वक्फ बोर्ड द्वारा नियुक्त किया गया था। मजार को विध्वंस करने से पहले समिति को कोई पूर्व सूचना जारी नहीं की गई थी। सर्वोच्च न्यायालय ने रिट याचिका (सी) संख्या 269/2025 में सभी वक्फ संपत्तियों को यथास्थिति प्रदान की है। उसके बावजूद कोर्ट की अवमानना करते हुए मजार को ढहाया गया है। जो गैरकानूनी है।
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