मुस्लिम सेवा संगठन और भीम आर्य ने यूसीसी के विरोध में राज्यपाल को भेजा ज्ञापन, की ये मांग

Spread the love

शादी विवाह,पार्टी, जन्मदिन समारोह व किसी भी प्रकार के प्रोग्राम के लिए चौधरी फॉर्म हाउस आपका स्वागत करता है

केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र के सभी देव तुल्य जनता का मुझ पर विश्वास जताने के लिए कोटि-कोटि आभार

स्मार्ट हार्डवेयर व पेंट स्टोर आपका स्वागत करता है..हमारे पास सभी प्रकार का कंप्यूटरवॉइस पेंट उपलब्ध है...

समीर खान की ओर से सभी प्रदेश व क्षेत्रवासियों को नववर्ष एवं गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

आशा नौटियाल की ओर से सभी क्षेत्र एवं प्रदेशवासियों को नववर्ष एवं गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

मोहित बिष्ट की ओर से सभी क्षेत्रवासियों को नववर्ष व गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

सामाजिक कार्यकर्ता सतपाल सिंह बुटोला की ओर से सभी क्षेत्रवासियों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं

नीरू देवी, प्रदेश उपाध्यक्ष भाजपा की ओर से सभी क्षेत्रवासियों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं

अमर रेस्टोरेंट की ओर सभी क्षेत्रवासियों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं

न्यू Era एकेडमी में एडमिशन हेतु जल्दी संपर्क करें

देहरादूनः उत्तराखण्ड में सामान नागरिक संहिता लागू हो चुकी है। जिसको लेकर विरोध के सुर बुलंद है।  मुस्लिम सेवा संगठन और भीम आर्य ने यूसीसी का विरोध करते हुए उपजिलाधिकारी विकासनगर देहरादून के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा है। और यूसीसी को निरस्त करने की मांग की  है।

बताया जा रहा है कि ज्ञापन में लिखा गया है कि यूसीसी कानून से धार्मिक मान्यतायें खण्डित एवं अवरोधित होंगी। ऐसी स्थिती में कमेटी में धार्मिक गुरुओं को सम्मिलित होना आवश्यक था परन्तु राज्य सरकार द्वारा गठित कमेटी में किसी भी धर्मगुरू को. ना लिया जाना इस कानून पर प्रश्न चिन्ह लगाता है। महामहिम कमेटी द्वारा आम जनमानस से सुझाव मांगे गये थे जिसमे एक लाख से अधिक सुझाय कमेटी को ई-मेल एवं अन्य माध्यमी से सुझाव प्रेषित किये गये परन्तु उन सुझावों को कमी पब्लिक बोमेन पर नहीं लाया गया जिससे प्रतीत होता है कि कमेटी द्वारा कभी जन सुझावों पर ध्यान नहीं दिया गया।

महामहिम इस कानून में भोटिया, जौनसारी, बौक्सा, भारु एवं राजी जनजतियों को प्रथक किया जाने से यह कानून समान नहीं रह जाता जिससे इसकी वैधिानिकता पर प्रश्न चिन्ह लग जाता है। महामहिम लिव इन रिलेशन को कानूनी सहमति देना व्याभाचार का प्रोतसाहित करता है जिससे समाज में अश्लीलता बढ़ेगी जिस कारण सामाजिक तानाबाना तहस-नहस हो जायेगा किसी भी धर्म में इस प्रकार के कृत्य की अनुमति नहीं है और ना ही यह सभ्य समाज के स्वीकार्य है।

महामहिम यू०सी०सी रावधान की धारा/अनुच्छेद 25, 26 एवं 27 का उत्तराखण्ड द्वारा लागू किया गया कानून उल्लघन करता है। अतः इस पत्र के माध्यम से आप से अनुरोध है कि सवधिन द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुये इस कानून को निरस्त करने का कष्ट करें।

344 Views

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *