सुमित चौधरी की ओर से समस्त क्षेत्रवासियों को दीपावली, धनतेरस, गोवर्धन पूजा और भाईदूज की हार्दिक शुभकामनाएं
प्रधान कोमल देवी की ओर से सभी प्रदेशवासियों को दीपावली, धनतेरस, गोवर्धन पूजा और भैयादूज की हार्दिक शुभकामनाएं
K.J ज्वैलर्स की ओर से सभी क्षेत्रवासियों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
K.J ज्वैलर्स की ओर से सभी क्षेत्रवासियों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
श्री बालाजी पेट्रोल पंप की ओर से सभी क्षेत्रवासियों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
शादी विवाह,पार्टी, जन्मदिन समारोह व किसी भी प्रकार के प्रोग्राम के लिए चौधरी फॉर्म हाउस आपका स्वागत करता है
युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष शिवा रावत की ओर से सभी प्रदेशवासियों को उत्तराखंड स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
यशपाल नेगी व खेमलता नेगी की ओर से सभी प्रदेशवासियों को उत्तराखंड स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष शिवा रावत की ओर से सभी प्रदेशवासियों को उत्तराखंड स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
दिल्ली-मेरठ रोड स्थित एच.एल.एम. ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स एवं रघुराज पीपल मैन फाउंडेशन के तत्वाधान में आज “विश्व पर्यावरण दिवस” के अवसर पर वृक्षारोपण अभियान का आयोजन कराया गया। इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की थीम “भूमि पुनर्स्थापन, मरुस्थलीकरण और सूखा प्रतिरोधकता” था। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. रघुराज प्रताप सिंह पर्यावरणविद संस्थापक रघुराज पीपल मैन फाउंडेशन हमीरपुर जिन्हें “पीपल मैन” के नाम से जाना जाता है, और प्रमुख वक्ता डॉ. गयासुद्दीन हाशमी, जो एक प्रसिद्ध पर्यावरणविद हैं, ने कार्यक्रम को संबोधित किया।
डॉ. रघुराज प्रताप सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि आज के समय में वृक्षों का महत्व पहले से कहीं अधिक बढ़ गया है। वृक्ष न केवल हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, बल्कि वे पर्यावरण को शुद्ध रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि पीपल का वृक्ष विशेष रूप से भारतीय संस्कृति में पवित्र माना जाता है और इसके अनेक पर्यावरणीय लाभ हैं। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे अधिक से अधिक वृक्ष लगाएं और उनकी देखभाल करें।
डॉ. गयासुद्दीन हाशमी ने इस अवसर पर पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मरुस्थलीकरण और सूखे जैसी समस्याओं से निपटने के लिए वृक्षारोपण महत्वपूर्ण है। वृक्ष मृदा को संरक्षित रखते हैं और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने में सहायता करते हैं। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि हर व्यक्ति को पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझना चाहिए और उसे निभाना चाहिए।
कार्यक्रम में एच.एल.एम. ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के निदेशक प्रो. (डॉ.) अनुज अग्रवाल और सहायक निदेशक श्री धीरज शर्मा भी उपस्थित थे। उन्होंने सभी से अधिक से अधिक वृक्ष लगाने की अपील की। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण न केवल पर्यावरण की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित करेगा।
ऑडिटोरियम समारोह के बाद सभी लोग मैदान की ओर गए और वृक्षारोपण अभियान में भाग लिया। इस अवसर पर 500 से अधिक वृक्ष लगाए गए। सभी विभागाध्यक्ष और फैकल्टी सदस्य भी इस अभियान में शामिल हुए और वृक्षारोपण किया। इस अवसर पर दिया गया संदेश था कि अधिक से अधिक वृक्ष लगाएं ताकि पर्यावरण को बचाया जा सके।
कार्यक्रम का आयोजन शिक्षा विभाग और बी.ए. विभाग द्वारा किया गया था। कार्यक्रम का प्रबंधन शिक्षा विभाग की प्राचार्य डॉ. ममता चौधरी और बी.ए. विभाग की प्राचार्य डॉ. सुमन लता द्वारा किया गया जिसमें दोनों ही विभाग के छात्र एवं छात्राओं ने हिस्सा लिया। उन्होंने सुनिश्चित किया कि कार्यक्रम सुचारू रूप से चले और सभी प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
विश्व पर्यावरण दिवस के इस आयोजन ने एच.एल.एम. ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के छात्रों और स्टाफ में पर्यावरण के प्रति जागरूकता और जिम्मेदारी की भावना को और अधिक मजबूत किया। सभी ने इस बात पर जोर दिया कि पर्यावरण की रक्षा हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए और इसके लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करना चाहिए।
वृक्षारोपण अभियान के दौरान, छात्रों ने भी अपने विचार साझा किए और वृक्षारोपण के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने इस बात को समझा कि वृक्षारोपण न केवल पर्यावरण के लिए बल्कि हमारे अपने स्वास्थ्य और कल्याण के लिए भी आवश्यक है।
कार्यक्रम के अंत में, सभी उपस्थित लोगों ने एक साथ शपथ ली कि वे पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे और अधिक से अधिक वृक्षारोपण करेंगे। इस अवसर ने सभी को प्रेरित किया और पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनके संकल्प को और अधिक मजबूत किया।
एच.एल.एम. ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम ने पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने और वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस तरह के आयोजन न केवल पर्यावरण की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए भी आवश्यक हैं।