आरकेडियाग्रांट बड़ोवाला प्रेमनगर जमीन पर काबिज बुजुर्ग महिला की जान को खतरा

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आरकेडियाग्रांट बड़ोवाला प्रेमनगर जमीन पर सालो से काबिज दंपत्ति को डराने धमकाने की कोशिश

बुजुर्ग महिला ने की पुलिस सुरक्षा, रजिस्ट्री कैंसिल कराने समेत कंपनी से एक घर की मांग

देहरादून: आरकेडियाग्रांट बड़ोवाला प्रेम नगर देहरादून में कई सालों से जमीन पर काबिज रहने वाले दंपति की संपत्ति पर आग लगाकर डराने और धमकाने की कोशिश की गई है। जिसको देखते हुए 70 वर्षीय बुजुर्ग पत्नी ने खुद की जान को खतरा बताते हुए पुलिस से सुरक्षा की मांग की है। वही जब इस पूरे मामले की सूचना मीडिया को लगी तो उन्होंने उस महिला से जाकर बातचीत की जिसमें महिला ने अपना नाम त्रिशला आर्य मूलनिवासी सहारनपुर हाल निवासी आरकेडियाग्रांट बड़ोवाला प्रेमनगर देहरादून बताया। महिला ने टी स्टेट कंपनी प्रेमनगर पर आरोप लगाया कि कंपनी ने उन्हें डराने धमकाने और जमीन खाली करने के इरादे से 15 मार्च 2024 की रात को उनके घर का दरवाजा, खिड़की और दीवार तोड़ दी। साथ ही बाहर खड़े वाहन और पास के रेस्टोरेंट में आगजनी की। साथ ही ठीक होने लिए उनके घर में रखी ग्राहकों की घड़ियों को भी चुराकर ले गए।

वहीं उक्त जमीन पर रेस्टोरेंट चलाने वाली महिला ने भी इस मामले को लेकर जानकारी दी और बताया कि अभी कुछ दिन पहले भी इन बुजुर्ग व्यक्तियों के साथ कुछ लोगो द्वारा मारपीट की गई है और उनके रेस्टोरेंट में भी आग लगाने की कोशिश की गई है। वही महिला त्रिशला आर्य ने बताया कि वह और उनके पति सुशील कुमार आर्य इस जमीन पर कई सालों से काबिज है। लेकिन त्रिशला आर्य के पति सुशील कुमार आर्य टी स्टेट कंपनी में कार्यरत थे जिन्हें जबरन बिना रिटायर्ड प्रावधान के 2016 में रिटायर कर दिया गया। उन्होंने बताया कि 2019 में यह पूरी जमीन स्मार्ट सिटी के चलते नगर निगम में आ गई जिसके बाद कंपनी मैनेजर ओम प्रकाश, राजेंद्र डिमरी, साधू सिंह समेत कई लोग वहां आए और जमीन को घेरने की कोशिश करने लगे।

जिसका दंपति द्वारा विरोध करने पर उनके साथ मारपीट और गाली गलौज की गई और गांव के करीब 400 से 500 लोग वहां इकट्ठा हो गए । जिसके बाद इस दौरान डीके सिंह नामक व्यक्ति जो कि अपने आप को Whole टाइम डायरेक्टर बताता है को बुलाया गया। इसके बाद बातचीत के दौरान दंपति सुशील कुमार आर्य ने कहा कि मैंने आपके साथ इतने साल ईमानदारी से काम किया यदि वाकई यह जमीन आपकी है तो आप मुझे इसके पेपर दिखाएं तो मैं इसे अभी खाली कर दूंगा लेकिन कंपनी वाले इस जमीन से जुड़े कोई दस्तावेज नहीं दिखा सके और वहां से चले गए। जिसके कुछ दिन बाद कंपनी द्वारा दंपती की बिजली भी काट दी गई।

वही महिला ने बताया कि पुलिस से मिली भगत करके कंपनी द्वारा इस तरह से उन्हें कई बार परेशान किया जा चुका है और कई बार डराने धमकाने की भी कोशिश की गई है। महिला का कहना है कि कंपनी के सामने वह कई बार जमीन को खाली करने के लिए एक मकान की मांग कर चुके हैं लेकिन उनकी मांग को आजतक कंपनी द्वारा पूरा नहीं किया गया।

वही त्रिशला आर्य ने दो अधिवक्ताओं सतीश कुमार और संजय कटारिया पर भी धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। महिला ने बताया कि वर्ष 2021 में फर्जी तरीके से धोखाधड़ी करते हुए उनके पति का बुजुर्ग होने का फायदा उठाते हुए उनसे दस्तावेजों पर साइन करवा लिए और उक्त जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम करा ली। जिसके बाद कंपनी द्वारा उनके पति पर सरकारी जमीन बेचने के आरोप में मुकदमा दर्ज करवा दिया गया और वह 9 अक्टूबर 2022 में वह जेल चले गए। जिसके बाद दिसंबर 2022 में उनकी जमानत हो गई लेकिन जमानत के विरोध में कंपनी द्वारा कोर्ट में अपील डाली गई। फिलहाल उनके पति ने दोबारा पुलिस को सरेंडर किया है और वह दोबारा जेल में ही है। महिला दंपति ने बताया कि यह दोनों वकील होने के नाते हम जैसे बुजुर्गों की संपत्ति ढूंढते हैं और बुजुर्गों को परेशान कर ऐसी जमीनों पर कब्जा किया करते है। बुजुर्ग महिला ने बताया कि फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कराकर दोनों अधिवक्ताओं ने उन्हें 70 लाख के चेक दिए जो की बाउंस हो गए जिसको लेकर महिला द्वारा दोनों अधिवक्ताओं पर 138 NIA एक्ट का मुकदमा भी दर्ज करवाया गया है।

उक्त बुजुर्ग महिला का पति जेल में बंद है और वह घर में पूरा दिन अकेली रहती है और उसे आए दिन अपनी जान का खतरा बना रहता है क्योंकि घर में उसकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है जिसको देखते महिला ने खुद के लिए पुलिस सुरक्षा की मांग की है । वही जमीन की फर्जी रजिस्ट्री को कैंसिल कराने समेत कंपनी की ओर से एक मकान दिलवाने की भी मांग की है।

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