उत्तराखंड: डीएलएड प्रशिक्षुओं की समस्याएं बढ़ीं, राज्यपाल और मुख्यमंत्री से गुहार

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ऋषिकेश/डोईवाला: उत्तराखंड राज्य के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों से द्विवर्षीय डीएलएड कर रहे प्रतीक्षा सूची से चयनित प्रशिक्षुओं की समस्याओं को लेकर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री उत्तराखंड पुष्कर सिंह धामी को डोईवाला कॉलेज के पूर्व विश्वविद्यालय प्रतिनिधि अंकित तिवारी ने पत्र लिखा।

पत्र में बताया गया है कि वर्ष 2020 में आयोजित डीएलएड प्रवेश परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों का प्रशिक्षण जनवरी 2021 से प्रारंभ होना था, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण यह प्रशिक्षण 1 वर्ष विलम्ब से जनवरी 2022 से प्रारंभ हुआ। एससीईआरटी द्वारा इस प्रवेश परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों की काउन्सलिंग दो चरणों में सम्पादित कराई गई। प्रथम चरण की काउन्सलिंग में चयनित अभ्यर्थियों का प्रशिक्षण 01 जनवरी 2022 से प्रारंभ हुआ, जो 31 दिसम्बर 2023 को पूर्ण हुआ। जबकि दूसरी काउन्सलिंग सूची (प्रतीक्षा सूची) से चयनित अभ्यर्थियों का प्रशिक्षण 01 जुलाई 2022 से प्रारंभ हुआ, जो 30 जून 2024 को समाप्त होगा।

पत्र में आगे बताया गया है कि विभागीय लापरवाही के कारण प्रतीक्षा सूची से चयनित प्रशिक्षुओं का प्रशिक्षण 6 माह देरी से प्रारंभ हुआ। जिसके चलते पूरा प्रशिक्षण कोविड-19 व विभागीय लापरवाही के कारण डेढ़ वर्ष (18 माह) विलंब से चल रहा है।

पूर्व विश्वविद्यालय प्रतिनिधि, छात्र संघ अंकित तिवारी ने बताया कि शिक्षा विभाग प्राथमिक शिक्षा में जल्द सहायक अध्यापकों का विज्ञापन निकालने वाला है। अगर ऐसा होता है तो ऐसे में सभी प्रतीक्षा सूची से चयनित प्रशिक्षु इस विज्ञापन में प्रतिभाग करने से वंचित रह जाऐंगे।

पत्र में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अनुरोध किया गया है कि समस्त प्रतीक्षा सूची से चयनित प्रशिक्षुओं के हित को ध्यान में रखकर निर्णय लिया जाए।

पत्र में उल्लिखित प्रमुख समस्याएं:

●प्रशिक्षण में 6 माह की देरी
●डेढ़ वर्ष (18 माह) का विलंबित प्रशिक्षण
●विज्ञापन में प्रतिभाग करने से वंचित रहने की आशंका

प्रशिक्षुओं की मुख्य मांगें:

●प्रतीक्षा सूची से चयनित प्रशिक्षुओं को भी आगामी शिक्षक भर्ती में शामिल होने का अवसर दिया जाए।
●उनका प्रशिक्षण जल्द से जल्द पूरा किया जाए।
●भविष्य में इस तरह की देरी न हो, इसके लिए ठोस कदम उठाए जाएं ।

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